दुनिया का कोई दुश्मन ना, इसको छू भी पायेगा ||
मेरे देश की शान तिरंगा, हर दिल में बसा रहेगा |
स्वाभिमान की भाषा यह, दुनियां को सिखलायेगा ||
दुश्मन का दुस्साहस ना अब, यहाँ ठहर पायेगा |
भगत सिंह की वीर कथा, "आज़ाद" सदा गायेगा ||
खुशियाँ ही खुशियाँ होंगी, ना ग़म का नाम रहेगा |
'हरा' रंग खुशहाली का, संगीत सदा गायेगा ||
'श्वेत' रंग शांति का द्योतक, यही संदेशा देगा |
रहो प्रेम से दुनिया में, ना हिंसा का डर होगा ||
'केसरिया' की वीर छटा से, हर दिल गद-गद होगा |
भारत माँ के वीर सपूतों, से ना कोई भिड़ेगा ||
हर बालक बन वीर शिवाजी, खड़ग हाथ में लेगा |
दुश्मन के ना-पाक इरादे, कुचल-कुचल रख देगा ||