Saturday, October 2, 2021

कोई अर्थ नहीं

जीवन में भरे विकारों से,
जब रिक्त नहीं है अंतर्मन।
तब उपदेशों की गंगा में,
नित स्नानों का अर्थ नहीं।
घर के ज़ईफ़ को चैन नहीं,
उनके मन अगर वेदना हो।
फिर मंदिर मस्जिद गुरुद्वारा,
जाने का कोई अर्थ नहीं।

मन मनुज अगर मानवता नहीं,
तकलीफ किसी को देता हो।
ऐसे नृशंस का वसुधा पर,
जीवित रहने का अर्थ नहीं।
सत में दुर्बल का बल न बने,
झूंठे बलवान का संग करे।
दीपक हो शमन अनल भड़के,
ऐसे समीर का अर्थ नहीं।

छोटे से जीवन के पल क्षण,
बीते जाते हैं दिन प्रतिदिन।
मेहमान कुछ दिनों का जग में,
तेरे अहंकार का अर्थ नहीं।
जब चार दिनों के जीवन में,
दो दिन आश्रित ही रहना है।
फिर शेष दो दिनों मस्त रहो,
गम मय जीवन का अर्थ नहीं।

Friday, October 1, 2021

 खतरा सिग्नल
खतरा सिग्नल पार हो, ऐसी घड़ी न आय।
दुर्घटना से सबक ले, करलो चंद उपाय।।
सिग्नल की पहचान में, यदि शंका हो जाय।
गाड़ी को रोको सखा, सबको देओ बताय।।
पीला सिग्नल पूर्व ही, जो सतर्क हो जाय।
खतरा सिग्नल तक नहीं, भूले से भी जाय।।
गाड़ी काबू में चले, लो विश्वास जगाय।
याद रखो एक पल कभी, अति विश्वास न आय।।
जिन बातों से काम में, बाधा तुमको आय।
कोशिस करना बस यही, कोई और न फंसने पाय।।
गाड़ी आती देखकर, लाइट दियो झुकाय।
रात समय भ्रम से कोई, सिग्नल पार न जाय।।
जीवन मे SPAD का, सपना भी आ जाय।
और सजग होकर चलो, सत्य न होने पाय।।
यह मन मत धारण करो, मुझसे चूक न होय।
गलत न हो निर्णय कभी, मन मे रखो संजोय।।
तन मन से चौकस रहो, गति चाहे कम होय।
सावधान यदि ना रहे, दुर्घटना तब होय।।
सजग, सतत निर्व्यसन हो, मन संकल्प संजोय।
खतरा सिग्नल से सदा, दूर रहो सब कोय।।
खतरा सिग्नल से डरो, गति विकराल न होय।
पराभूत आलस करो, मन 'अशोक' तब होय।।
-अशोक शर्मा (मोटरमैन-कल्याण)

कोहरे के मौसम

कोहरे का मौसम आया है, हर तरफ अंधेरा छाया है। मेरे प्यारे साथी-2, हॉर्न बजा, यदि दिखे नहीं तो, धीरे जा।। कभी घना धुंध छा जाता है, कुछ भी तुझे...