भरा आनंद से हो मन,
समझ लेना कि होली है।
ह्रदय में हर्ष का नर्तन,
समझ लेना कि होली है।
इमारत एक पुरानी सी,
रुके बरसों के पानी सी।
लगे बीवी वही नूतन,
समझ लेना कि होली है।।
हर्ष से माँ पिता जी का,
ह्रदय गद गद कभी देखो।
ख़ुशी का तुम बनो कारण,
समझ लेना कि होली है।।
समझते हो अगर संतान के,
दायित्व का मतलब।
सफलतम कर सके पालन,
समझ लेना कि होली है।।
किसी इंसान को मुश्किल में,
उलझा देखते हो जब।
मदद करने को मचले मन,
समझ लेना कि होली है।।
हमारी जिन्दगी है यूँ तो एक,
दुःख का घना जंगल।
कभी आये ख़ुशी के क्षण,
समझ लेना कि होली है।।
अगर महसूस हो तुमको,
ख़ुशी गैरों की खुशियों में।
फिजां से दूर हो क्रंदन,
समझ लेना कि होली है।।
समझ लेना कि होली है।
ह्रदय में हर्ष का नर्तन,
समझ लेना कि होली है।
इमारत एक पुरानी सी,
रुके बरसों के पानी सी।
लगे बीवी वही नूतन,
समझ लेना कि होली है।।
हर्ष से माँ पिता जी का,
ह्रदय गद गद कभी देखो।
ख़ुशी का तुम बनो कारण,
समझ लेना कि होली है।।
समझते हो अगर संतान के,
दायित्व का मतलब।
सफलतम कर सके पालन,
समझ लेना कि होली है।।
किसी इंसान को मुश्किल में,
उलझा देखते हो जब।
मदद करने को मचले मन,
समझ लेना कि होली है।।
हमारी जिन्दगी है यूँ तो एक,
दुःख का घना जंगल।
कभी आये ख़ुशी के क्षण,
समझ लेना कि होली है।।
अगर महसूस हो तुमको,
ख़ुशी गैरों की खुशियों में।
फिजां से दूर हो क्रंदन,
समझ लेना कि होली है।।
स्वयं का घर भरा, खाया,
उड़ाया मौज करते हैं।
किसी भूखे को दे भोजन,
समझ लेना कि होली है।।
उड़ाया मौज करते हैं।
किसी भूखे को दे भोजन,
समझ लेना कि होली है।।
घरों में रौशनी करके,
दिवाली सब मनाते हैं।
कभी रोशन हो अंतर्मन,
समझ लेना कि होली है।।
दिवाली सब मनाते हैं।
कभी रोशन हो अंतर्मन,
समझ लेना कि होली है।।