सुख मिले सदा खुशियाँ बरसें,
ऐसी हों जीवन की घड़ियाँ।
रहें पुष्प खिले गुलशन महके,
गुलज़ार रहे अपनी दुनियाँ।।
जीवन का सार समय देकर,
इस रेल को सींचा है तुमने।
पत्नी - बच्चों माँ - बापू का,
कई बार हृदय तोड़ा तुमने।
पर रेल चले और देश बढे,
इस राह ना आने दी कमियां।।
रहे पुष्प खिले-----------------
जीवन भर अच्छे काम किये,
परहित को धर्म समझ तुमने।
कभी पुष्प मिले कभी खार मिले,
पर राह नहीं छोड़ी तुमने।
निज़ आदर्शों को ढाल बना,
कर लीं वश में सबकी कमियां।।
रहे पुष्प खिले-----------------
अब सेवा निवृत होकर तुम,
आज़ाद आज हो जाओगे।
जीवन के क्षण-क्षण की खुशिया,
अपनों को अब दे पाओगे।
बहने दो जीवन में अविरल,
खुशियों के अमृत की नदियाँ।।
रहे पुष्प खिले-----------------
सौ वर्ष जिओ चिर-स्वस्थ रहो,
है ईश्वर से इतना कहना।
हम सबके सर पर भी अपना,
आशीष बनाये तुम रखना।
ऐहसास न हो कभी जीवन में,
हैं अपनी अलग अलग दुनियाँ।।
रहे पुष्प खिले-----------------
हम सब मिलकर के आज तुम्हें,
स-हर्ष विदा कर देते हैं।
खुशियों से भरी विरासत को,
सींचेंगे वादा करते हैं।
इस प्रेम आल्हादित मौके पर,
मत आँख से बहने दो दरिया।।
रहे पुष्प खिले-----------------
ऐसी हों जीवन की घड़ियाँ।
रहें पुष्प खिले गुलशन महके,
गुलज़ार रहे अपनी दुनियाँ।।
जीवन का सार समय देकर,
इस रेल को सींचा है तुमने।
पत्नी - बच्चों माँ - बापू का,
कई बार हृदय तोड़ा तुमने।
पर रेल चले और देश बढे,
इस राह ना आने दी कमियां।।
रहे पुष्प खिले-----------------
जीवन भर अच्छे काम किये,
परहित को धर्म समझ तुमने।
कभी पुष्प मिले कभी खार मिले,
पर राह नहीं छोड़ी तुमने।
निज़ आदर्शों को ढाल बना,
कर लीं वश में सबकी कमियां।।
रहे पुष्प खिले-----------------
अब सेवा निवृत होकर तुम,
आज़ाद आज हो जाओगे।
जीवन के क्षण-क्षण की खुशिया,
अपनों को अब दे पाओगे।
बहने दो जीवन में अविरल,
खुशियों के अमृत की नदियाँ।।
रहे पुष्प खिले-----------------
सौ वर्ष जिओ चिर-स्वस्थ रहो,
है ईश्वर से इतना कहना।
हम सबके सर पर भी अपना,
आशीष बनाये तुम रखना।
ऐहसास न हो कभी जीवन में,
हैं अपनी अलग अलग दुनियाँ।।
रहे पुष्प खिले-----------------
हम सब मिलकर के आज तुम्हें,
स-हर्ष विदा कर देते हैं।
खुशियों से भरी विरासत को,
सींचेंगे वादा करते हैं।
इस प्रेम आल्हादित मौके पर,
मत आँख से बहने दो दरिया।।
रहे पुष्प खिले-----------------
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