रंग - बिरंगे रंग से, रंगा है पूरा देश,
जन मन में ना प्रेम है, सिर्फ भरा है क्लेश। विप्र अवज्ञा बढ़ रही, भारत में अधिशेष,
दुर्जन मन ज़ाहिर हुआ, ब्रह्म विरोधी द्वेष।
विप्र - द्रोह विध्वंस हो, चिंतन करो विशेष,
ज्ञान परसु धारण करो, हे शृष्टिश्रेष्ठ सर्वेश।।
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