सूर्य पुत्र शनिदेव तुम्हारा करते हम आवाह्न।
कृपा कर दो हम पर भगवान, हरो सब संकट कृपानिधान।।
राह नही है इस विपदा से, बचने की आसान।
मौत से डरा हरेक इंसान, हरो सब संकट कृपानिधान।।
एक अज्ञात विषाणु के भय से, जीवन है बेज़ान।
घरों में कैद हुआ इंसान, हरो सब संकट कृपानिधान।।
मानवता का दमन हो रहा, धरा बनी श्मशान।
करो हर मन का खौफ निदान, हरो सब संकट कृपानिधान।।
बे-ज़ुबान पशुओं को बम से, उड़ा रहे हैवान।
रक्षक बनकर आ जाओ हे छाया पुत्र महान, हरो सब संकट कृपानिधान।।
-अशोक शर्मा
1 comment:
अति सुंदर
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