जो वर्षों से तमन्ना थी हमारे मन अधूरी।
तेरे आने से हो गयी दिल की वो चाहत भी पूरी।।
हमारे मन भवन उपवन की वो सूनी सी क्यारी।
हुई गुलज़ार सुनकरके तेरी पहली किलकारी।।
सदा खुशहाल रहना और चहकना कुल दुलारी।
मान सम्मान और यश कीर्ति वैभव तू हमारी।।
बने तू स्वाभिमानी स्वाबलंबी मन मयूरी।
हृदय से है दुआ, तेरी सभी ख्वाहिश हों पूरी।।
तुझे माता पिता का ताज बनना है कुमारी।
सतत सम्मान की हकदार हो लाडो हमारी।।