गाँधी तेरे देश में ये कैसा राज आया है,
जालिमों ने आज फिर से खूब ज़ुल्म ढाया है |
आत्मा भी कांपती है उनकी दरिंदगी से,
राम श्याम नानक रहीम के इस देश में,
नेताओं के वेशधारी राक्षसों कि माया है |
रक्षकों ने मज़लूमों पर चाबुक चलाया देखो,
जालियां वाले बाग़ का इतिहास दोहराया है ||
भारत माँ के धन को लूट दुनियाँ में छुपाया है,
वापस लाओ बोला तो हर चोर बौखलाया है |
महिलाओं और बच्चों पर भी तरस नहीं आया देखो,
मनमोहन ने कंस जैसा कृत्य कर दिखाया है ||
रिश्वतखोरी भ्रष्टाचार खूब क़हर ढाया है,
आज फिर से भारत माँ ने हम सबको पुकारा है |
सच्ची आज़ादी कि ख़ातिर सच्चे देश भक्त बनो,
जालिमों ने आज फिर से खूब ज़ुल्म ढाया है |
आत्मा भी कांपती है उनकी दरिंदगी से,
तुमने जिनके हाथों में इस देश को थमाया है ||
राम श्याम नानक रहीम के इस देश में,
नेताओं के वेशधारी राक्षसों कि माया है |
रक्षकों ने मज़लूमों पर चाबुक चलाया देखो,
जालियां वाले बाग़ का इतिहास दोहराया है ||
भारत माँ के धन को लूट दुनियाँ में छुपाया है,
वापस लाओ बोला तो हर चोर बौखलाया है |
महिलाओं और बच्चों पर भी तरस नहीं आया देखो,
मनमोहन ने कंस जैसा कृत्य कर दिखाया है ||
रिश्वतखोरी भ्रष्टाचार खूब क़हर ढाया है,
आज फिर से भारत माँ ने हम सबको पुकारा है |
सच्ची आज़ादी कि ख़ातिर सच्चे देश भक्त बनो,
आओ मिल संकल्प करें देश को बचाना है ||
3 comments:
सही संदेश देती रचना।
बहुत सुन्दर रचना के लिए बहुत बहुत बधाई अशोक जी
aap sabhi ka bahut bahut shukriya.
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