प्यार में खोकर कोई दिन-रात कुछ भाता नहीं,
प्यार जब होने लगे तो वक्त भी कटता नहीं,
खामोश रहकर भी फिजां हर वक्त तड़पाती रहे,
आएगा कोई सोचकर हर पल ये दिल जलता रहे,
दिल लगी में कोई भी उम्मीद बहलाती नहीं,
प्यार जब होने..................................
आँखों का क्या है दोष जब दिल में तड़प और प्यास है,
अनजान सा जाना हुआ चेहरा जो दिल के पास है,
क्या करे कमबख्त मन दिल को कोई भाता नहीं,
प्यार जब होने.......................................
चाहता तो हूँ मगर कैसे कहूँ मन की व्यथा,
हर जवां दिल की ज़माने ने सुनी है वो कथा,
पर बिना बोले कोई मुझको समझता ह़ी नहीं,
प्यार जब होने.........................................
मैं इधर और तुम उधर दुनियां को इसकी क्या खबर,
दिल की बातें दिल में हैं कैसे कहूँ ऐ हमसफ़र,
प्यार जब होने लगे तो वक्त भी कटता नहीं,
खामोश रहकर भी फिजां हर वक्त तड़पाती रहे,
आएगा कोई सोचकर हर पल ये दिल जलता रहे,
दिल लगी में कोई भी उम्मीद बहलाती नहीं,
प्यार जब होने..................................
आँखों का क्या है दोष जब दिल में तड़प और प्यास है,
अनजान सा जाना हुआ चेहरा जो दिल के पास है,
क्या करे कमबख्त मन दिल को कोई भाता नहीं,
प्यार जब होने.......................................
चाहता तो हूँ मगर कैसे कहूँ मन की व्यथा,
हर जवां दिल की ज़माने ने सुनी है वो कथा,
पर बिना बोले कोई मुझको समझता ह़ी नहीं,
प्यार जब होने.........................................
मैं इधर और तुम उधर दुनियां को इसकी क्या खबर,
दिल की बातें दिल में हैं कैसे कहूँ ऐ हमसफ़र,
प्यार तो है पाक यह दुनियां समझती ह़ी नहीं,
प्यार जब होने...... ..................................
6 comments:
अशोक जी..
कमाल का लिखा है आपने ...
बहुत सुंदर
आभार .
bahut sunda rlikha hai.
Fantastic composition!
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Bilkul sahi aur sundar likha hai,,, bahut khoob.
Bahut sundar chitran kiya hai pyaar ka,,,,badhai
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