होली आई खुशियाँ लाई,
प्यार से सबको गले लगाना |
हटा बैर की क़ातिल छाया,
प्रेम के रंग में तुम रंग जाना|
राग - द्वेष के मैलेपन को,
होली के संग दहन कराना|
प्रेमपूर्ण माहौल बनाकर,
सबके दिल में प्यार जगाना|
कही - सुनी बातों को लेकर,
जाति - धर्म में खो मत जाना|
हिन्दू, मुश्लिम, सिख, ईसाई,
सबको प्रेम के रंग लगाना|
बहुत हुआ आतंक देश में,
"माँ होली" से करो याचना|
दुर्जन, दुष्ट साथ ले जाओ,
सिर्फ प्यार हर दिल में रखना|
मेरा सबसे नम्र निवेदन,
क्रोध - शोध को सदा त्यागना|
जाति - धर्म - भाषा की अग्नि,
होली में अर्पण कर देना|
सिर्फ प्यार से हर मानव के,
दिल को, दिल से रंग लगाना|
बैर-भाव होली में रखकर,
भारत को उत्कृष्ट बनाना|
Sunday, February 28, 2010
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कोहरे के मौसम
कोहरे का मौसम आया है, हर तरफ अंधेरा छाया है। मेरे प्यारे साथी-2, हॉर्न बजा, यदि दिखे नहीं तो, धीरे जा।। कभी घना धुंध छा जाता है, कुछ भी तुझे...
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स्वर साम्राज्ञी अमर रहेंगी,सा त सुरों की सरगम में। वतन सदा नम-नयन रहेगा, वाणी के आवाहन में।। काया छोड़ गयीं वो बेशक, नश्वर-देह जमाने में, स्...
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जिन्हें हम याद रखते हैं, हृदय के पाक बंधन से, वो अक्सर दूर रहकर भी, हमेशा पास होते हैं। तरसती आँख से ओझल हैं, यादों से रुलाते जो, प्रकट ...
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